tag:blogger.com,1999:blog-3231542331208500538.post2685191202283436815..comments2023-10-28T13:48:43.907+05:30Comments on ख्वाब का दर: मां कहकर चीखते हुए..........Pankaj Parasharhttp://www.blogger.com/profile/06831190515181164649noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-3231542331208500538.post-43524874429302100302009-11-14T13:55:18.411+05:302009-11-14T13:55:18.411+05:30शुक्रिया बड़े भाई, आप ख्वाब का दर पर तशरीफ लाए यह ...शुक्रिया बड़े भाई, आप ख्वाब का दर पर तशरीफ लाए यह देखकर बेइंतहा खुशी हुई. <br /><br />दरअसल हुआ यह कि पिछले कई महीनों से मैं ब्लाग पर कुछ लिख नहीं पा रहा था. ये जो लेख हैं वे तमाम अखबारों के लिए लिखा था, पर भेज नहीं पाया. सो एक दिन सारा ब्लाग पर डाल दिया कि चलो इतने दिनों की कसर पूरी. आमीन.Pankaj Parasharhttps://www.blogger.com/profile/06831190515181164649noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3231542331208500538.post-73428347018842561592009-11-08T01:29:30.787+05:302009-11-08T01:29:30.787+05:30पंडज्जी,
इतनी सारी पोस्टें क्या बीस अक्तूबर को ही...पंडज्जी, <br />इतनी सारी पोस्टें क्या बीस अक्तूबर को ही लिख मारीं?<br /><br />भाई, हर रोज़ एक पोस्ट को पब्लिश करना था न। भोले हो या भले हो? क्या कहें?अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3231542331208500538.post-32727380534905486062009-10-20T22:58:00.390+05:302009-10-20T22:58:00.390+05:30सचमुच मां ही है जो कभी हमें अपनी छत्र-छाया क रहने ...सचमुच मां ही है जो कभी हमें अपनी छत्र-छाया क रहने नही देती ........कुछ नही होगा तो अपने आँचल से ढांप लेगी .सुशीला पुरीhttps://www.blogger.com/profile/18122925656609079793noreply@blogger.com