tag:blogger.com,1999:blog-3231542331208500538.post8551405769081040395..comments2023-10-28T13:48:43.907+05:30Comments on ख्वाब का दर: चारों तरफ से भारत को अशांत और असुरक्षित बनाने की रणनीतिPankaj Parasharhttp://www.blogger.com/profile/06831190515181164649noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-3231542331208500538.post-17157824583474345262009-01-05T13:29:00.000+05:302009-01-05T13:29:00.000+05:30एक नज़र इस पर डाल लीजिये भाई… विस्तार से बताया है इ...एक नज़र इस पर डाल लीजिये भाई… विस्तार से बताया है इसमें… <BR/>http://sureshchiplunkar.blogspot.com/2008/11/mugalistan-and-red-corridor-threat-to_08.htmlAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/02326531486506632298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3231542331208500538.post-74345941940922786522009-01-04T16:36:00.000+05:302009-01-04T16:36:00.000+05:30आजादी के बाद भारत में जितनी भी सरकारें बनी उनके सो...आजादी के बाद भारत में जितनी भी सरकारें बनी उनके सोच का दायरा कभी भी पूरे भारत को आत्मसात नहीं कर सका. इस कारण ऐसे अनेक इलाके और वर्ग अपेक्षित रह गए जिन्हें पड़ोसी देशों ने भारत के ख़िलाफ़ भड़काया. आज ऐसे सारे इलाके और वहां के अधिकाँश नागरिक भारत के ख़िलाफ़ युद्ध छेड़े हुए हैं. पड़ोसी देश भारत के नागरिकों को हो भारत के ख़िलाफ़ इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्हें हथियार और उचित प्रशिक्षण दे कर भारत के लिए एक समस्या बना दिया है. अफ़सोस की बात यह है कि सरकारें फ़िर भी नहीं चेतीं और समस्या को और उलझती रहीं. आज की सरकार का भी यही हाल है. <BR/><BR/>अगर हम कमजोर हैं तब सब हमारी कमजोरी का फायदा उठाएंगे. तुष्टिकरण की नीति किसी भी देश के लिए एक ऐसी कमजोरी है जो हमेशा समाज और देश को नुकसान पहुंचाती रहेगी. भारत के नागरिकों को इन सरकारों ने इतने वर्गों में बाँट दिया है कि कोई स्वयं को भारतीय के रूप में देखता ही नहीं. राष्ट्रीय हित संकुचित होकर निजी हितों में सिमट गया है. सरकारों और राजनितिक दलों के सोच और व्यवहार का भारतीयकरण होना जरूरी है, बिना उस के देश का भला नहीं हो सकता. भारत कभी आतंकवाद पर काबू नहीं पा सकता.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/10037139497461799634noreply@blogger.com