tag:blogger.com,1999:blog-3231542331208500538.post9063947904026762281..comments2023-10-28T13:48:43.907+05:30Comments on ख्वाब का दर: कुछ तो है जिसकी पर्दादारी हैPankaj Parasharhttp://www.blogger.com/profile/06831190515181164649noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-3231542331208500538.post-32069847259755457742007-09-16T20:51:00.000+05:302007-09-16T20:51:00.000+05:30अपने-आप में यह लेख बहुत कलई खोल गया चिट्ठाकारीता क...अपने-आप में यह लेख बहुत कलई खोल गया चिट्ठाकारीता का… बेहतरीन सोंच है आपका बहुत सुंदर …।Divine Indiahttps://www.blogger.com/profile/14469712797997282405noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3231542331208500538.post-34373577096641615822007-09-16T20:14:00.000+05:302007-09-16T20:14:00.000+05:30आपका सोचना एकदम सही है;आदिविद्रोही, धुरविरोधी, पंग...आपका सोचना एकदम सही है;<BR/>आदिविद्रोही, धुरविरोधी, पंगेबाज, घूघूती-बासूती वगैरह-वगैरह नाम रखकर हिंदी चिट्ठाकारिता की दुनिया में चरित्र प्रमाण पत्र बांटने का कथित पवित्र काम आपने हाथ में लेकर संशय, हिंसा और असहिष्णुता का माहौल बनाना चाहते हैं|<BR/>झूठ के सिक्के से शायद सच को कभी हम खरीद ही नहीं सकते.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3231542331208500538.post-67498711342807128182007-09-16T14:19:00.000+05:302007-09-16T14:19:00.000+05:30वो इसलिए कि छिपकर वार करना ज्यादा आसान रहता है।मै ...वो इसलिए कि छिपकर वार करना ज्यादा आसान रहता है।<BR/><BR/>मै मानता हूँ कि किसी की व्यवसायिक मजबूरियां हो सकती है, लेकिन ये सिर्फ़ अपवाद स्वरुप ही है। अक्सर मैने देखा है, फर्जी नाम का प्रयोग करने वाले ज्यादा आक्रामक होते है यानि फर्जी नाम दूसरों पर वार करने के लिए ही अपनाया जाता है। ऐसे लोग चिट्ठाकारी को अपनी मस्ती के लिए प्रयोग करते है, सीरीयसली नही लेते। अक्सर किसी भी झगड़े/विवाद की स्थिति मे अक्सर ये बड़बोले या आक्रामक बन जाते है, जाहिर है कोई जवाबदेही तो है नही, इसलिए बिन्दास बोले जाओ।<BR/><BR/>इस तरह से फर्जी नाम से लिखने की प्रथा गलत है, लेकिन फिर भी आप/हम किसी भी चिट्ठाकार को फर्जी नाम से लिखने से रोक तो सकते नही, इसलिए लिखने दो। नही तो अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता वाले झंडा लेकर आ जाएंगे।Jitendra Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/09573786385391773022noreply@blogger.com