हैं और भी दुनिया में सुखनवर बहुत अच्छे
कहते हैं कि ग़ालिब का है अंदाजे-बयां और
अंदाजे-बयां के इस मुमताज शायर की आज जयंती है. ब्लाग की दुनिया में संयोग से आज इसकी कोई हलचल नहीं दिखी.आज २७ दिसंबर है. आज ही के दिन २७ दिसंबर १७९७ को आगरा में चचा ग़ालिब पैदा हुए थे. यह साल आजादी की पहली लड़ाई यानी गदर के डेढ़ सौवीं जयंती का भी है. जिसके बारे में विस्तार से चचा ग़ालिब ने अपनी फारसी में लिखी अपनी डायरी दस्तंबू में याद किया है.
भारतीय कविता के महान शायर मिर्ज़ा असद्दुल्ला खाँ ग़ालिब को नमन.
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