मंगलवार, जून 10, 2008

आप तो पाकिस्तान जा ही नहीं सकते


दिल्ली गेट के पास लाहौर के लिए दिल्ली परिवहन निगम की बस चलती है-दिल्ली-लाहौर-दिल्ली और उधर पाकिस्तान पर्यटन विकास निगम की बस चलती है लाहौर-दिल्ली-लाहौर. इसे महज एक अच्छा संयोग कहा जा सकता है कि मुझे जाने और आने दोनों तरफ का टिकट पाकिस्तान पर्यटन विकास निगम की बस में जगह मिली. मैं बेहद खुश था और मन में थोड़ा डर भी था कि पता नहीं वहां कैसा माहौल हो और पता नहीं किन-किन दिक्कतों का सामना करना पड़े? पर टिकट लेने के बाद शुरुआत में ही गड़बड़ हो गई. वीज़ा देते समय मैंने देखा कि वीजा की अवधि तो बीत चुकी है. मैंने इस ओर जब संबंधित अधिकारी का ध्यान दिलाया तो उन्होंने कहा कि नहीं...नहीं कुछ नहीं होगा. सब ठीक है. मैं मुतमइन हो गया कि चलो जब वीज़ा अफसर कह रहा है तो ठीक ही होगा. इसकी तस्दीक भी तब हो गई जब वहां के लिए टिकट लेते समय वीजा और पासपोर्ट की जांच करते समय भारतीय अधिकारियों ने कहा कि ठीक है.

जिस दिन तड़के जाना था उसके एक दिन पहले शाम बस टर्मिनल से फोन आया कि आपका वीजा तो समाप्त है और आप तो कल पाकिस्तान जा ही नहीं सकते? "आप तो पाकिस्तान जा ही नहीं सकते" यह जुमला इतनी जगह और इतनी बार सुना था कि मूड झल्ला गया. मैंने कहा वीजा जारी हुआ और जारी होने के साथ एक्सपायर्ड भी हो गया? मैंने तुरंत पाकिस्तान के दूतावास में संबंधित अधिकारी को फोन किया कि यह कैसा वीजा दिया आपने? मैं आपको उसी वक्त कह रहा था कि इसमें टेक्नीकल ऐरर है. अधिकारी ने गलती स्वीकार करते हुए मुझसे कहा कि मैं तुरंत पासपोर्ट लेकर आ जाऊं. मुझे चूंकि अगली सुबह की वहां के लिए रवाना होना था, सो मैं तुरंत पासपोर्ट लेकर पाकिस्तानी उच्चायोग पहुंच गया. इत्तफाक से तुरंत उन लोगों ने एक महीने का अतिरिक्त वीजा दे दिया. सुबह छह बजे बस चलती है इसलिए बस चलने से दो घंटे पहले वहां जाकर रिपोर्ट करना पड़ता है। सो घर से सुबह तीन-सवा तीन बजे ही निकलना था. यह सोचकर कि कहीं मैं सोता ही न रह जाऊं, रात भर नहीं ही नहीं आई....और अधमुंदी आंखों बार-बार चचा ग़ालिब यह शेर सुनाते रहे...मौत का एक दिन मुअय्यन है, नींद क्यों रात भर नहीं आती.....(जारी....)

4 टिप्‍पणियां:

हरिमोहन सिंह ने कहा…

आगे का इन्‍तजार है

विनीत उत्पल ने कहा…

maja aa gaya apka sansmaran padh kar.

Udan Tashtari ने कहा…

अंदाज रोचक है-इन्तजार कर रहे हैं अगली कड़ी का.

Pankaj Parashar ने कहा…

अगली कडी का अनुभव इतना दिलचस्प है कि क्या बताऊं....धीरे-धीरे लिख रहा हूं....आपलोगों की हौसलाअफजाई की तमन्ना रखता हूं.