इश्क में कहते हो हैरान हुये जाते हैं
ये नहीं कहते कि इन्सान हुए जाते हैं
- जोश मलीहाबादी
ऐ इश्क तूने अक्सर कौमों को खा के छोड़ा
जिस घर से सर उठाया उसको बिठा के छोड़ा
- हाली
इश्क कहते हैं जिसे सब वो यही है शायद
खुद-ब-खुद दिल में है इक शख्स समाया जाता
- हाली
देखा न आंख उठा के कभी अहले-दर्द ने
दुनिया गुजर गई गमे-दुनिया लिये हुये
-फानी बदायूंनी
इश्क कहता है दो आलम से जुदा हो जाओ
हुस्न कहता है जिधर जाओ नया आलम है
- आसी गाजीपुरी
अब तो घबरा के ये कहते हैं कि मर जाएंगे
मर के भी चैन न पाया तो किधर जाएंगे
मर के भी चैन न पाया तो किधर जाएंगे
- जौक
बुत को बुत और खुदा को जो खुदा कहते हैं
हम भी देखें कि तुझे देख के क्या कहते हैं
- दाग
हम भी कुछ खुश नहीं वफा करके
तुमने अच्छा किया निबाह न की
- मोमिन
थोड़ी बहुत मुहब्बत से काम नहीं चलता ऐ दोस्त
ये वो मामला है जिसमें या सब कुछ या कुछ भी नहीं
- फिराक गोरखपुरी
फिर दिल पे है निगाह किसी की रुकी रुकी
कुछ जैसे कोई याद दिलाता है आज फिर
- फिराक गोरखपुरी
गरज कि काट दिए जिन्दगी के दिन ऐ दोस्त
वो तेरी याद में हो या तुझे भुलाने में
- फिराक गोरखपुरी
अंगड़ाई भी वो लेने न पाए उठा के हाथ
देखा जो मुझको छोड़ दिए मुस्कुरा के हाथ
- वफा रामपुरी
आ के तुझ बिन इस तरह ऐ दोस्त घबराता हूं
मैं जैसे हर शै में किसी शै की कमी पाता हूं मैं
- जिगर मुरादाबादी
तुम नहीं पास कोई पास नहीं
अब मुझे जिन्दगी की आस नहीं
- जिगर बरेलवी
हिज्र हो या विसाल ऐ अकबर
जागना रातभर कयामत है
- अकबर इलाहाबादी
1 टिप्पणी:
वाह भाई, बहुत बढ़िया संकलन किया है. आभार इस प्रस्तुति के लिये.
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