मंगलवार, अक्तूबर 20, 2009

महिलाएं निर्णायक और शक्तिशाली पदों पर आसीन

भारतीय राजनीतिक परिदृश्य से अलग दुनिया के नक्शे पर औसतन 35 वर्ष की युवा नेत्रियां अपने देश की सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर आसीन हैं। अफगानिस्तान जैसे कट्टर धार्मिक मुल्क की चर्चित युवा सांसद मलालाई जॉय महज 31 साल की उम्र में कई सरकारी और गैर सरकारी पदों पर काम कर रही हैं। उन्होंने अफगानिस्तान की महिला-समस्याओं को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोगों का ध्यान खींचा है। स्वीडन की 33 वर्षीय नताली रिकेल, आस्ट्रेलिया की 32 वर्षीय केट इली, फिनलैंड की 33 वर्षीय पिया नूरा काऊप, जर्मनी की 34 वर्षीय सबाइन बैटजीन जैसी लगभग 50 जवान और खूबसूरत महिलाओं की लंबी फेहरिस्त है, जो अपने-अपने देश की सरकार में बेहद महत्वपूर्ण पदों पर हैं। गौरतलब यह है कि इन देशों के राजनीतिक दल चुनाव लड़ने के लिए टिकट बांटते समय इस बात का खास ख्याल रखते हैं कि किसी लिंग विशेष के प्रति पार्टी का कोई दुराग्रह या पूर्वग्रह आम मतदाताओं को न दिखे। अमेरिका में मेडलीन अलब्राइट, कोंडोलीजा राइस से लेकर वर्तमान बराक ओबामा सरकार में हिलेरी क्लिंटन सहित अनेक महिलाएं निर्णायक और शक्तिशाली पदों पर आसीन हैं। उल्लेखनीय यह है कि इन ताकतवर महिलाओं के साथ वहां की सरकार में युवा नेत्रियों की भी अच्छी-खासी संख्या है। मगर भारतीय राजनीति में जब कभी युवा नेताओं की बात आती है, तो चर्चा केवल कुछ ही चर्चित युवा नेता-पुत्रों तक सिमट कर रह जाती है। इन चर्चाओं के बीच भारतीय राजनीति में दो तिहाई युवा मतदाताओं का प्रतिनिधित्व करने के लिए युवा नेत्रियों की अपर्याप्त भागीदारी की बात अनसुनी ही रह जाती है।

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